corona vaccine: देश में कोरोना वैक्सीनेशन युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। जहां पहले 40 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही थी, अब लगभग सभी राज्यों में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को भी कोरोना वैक्सीन लगाई जाने लगी है। इसी बीच बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के शोध में सामने आया है कि एक बार कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगों को वैक्सीन की एक डोज ही काफी है।
वैज्ञानिकों को ने
प्रधानमंत्री को खत लिख कर सुझाव दिया है कि कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को
वैक्सीन की एक डोज ही काफी है। वैज्ञानिकों ने कहा कि अब तक दो करोड़ से ज्यादा लोग
कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं। अगर इन्हें केवल एक डोज ही लगाया जाए तो वैक्सीन का संकट
भी खत्म हो जाएगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक समय से वैक्सीन पहुंच सकेगी। बीएचयू
के वैज्ञानिकों की दो महीने तक कोरोना पर की गई स्टडी में पाया गया है कि
एक बार संक्रमित हो चुके लोगों के लिए वैक्सीन की एक डोज ही काफी है।
वैजानिकों के मुताबित ऐसे
लोगों में वैक्सीन की पहली डोज 10 दिन के अंदर ही पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी
बना देती है। एंटीबॉडी कोरोना से लड़ने में मदद करती है। वैज्ञानिकों ने कहा कि जो
लोग संक्रमित नहीं हुए हैं, उनमें वैक्सीन लगने के बाद एंटीबॉडी बनने में करीब 3-4
हप्ते का समय लग जाता है। बएचयू के 6 वैज्ञानिकों ने कोरोना पर ये स्टडी की है।